कॉलेज आरम्भ में वर्ष 1930 में देहरादून में स्थापित किया गया था तथापि इसे शीघ्र ही बन्द कर दिया गया तथा अवसंरचना का उपयोग स्थापित भारतीय सैन्य अकादमी के लिए किया गया। इसके बाद भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी को वर्ष 1952 में वडोदरा में वर्तमान राजसी हरे-भरे परिवेश में स्थापित कियागया । यह प्रताप विलास पैलेस (1914 में निर्मित) में हरे-भरे बगीचों में स्थापित हुआ,तथा इसकी डिजाइन सी.एफ.स्टीवेंस द्वारा पुर्नजागरण शैली में तैयार की गयी ।यह 55 एकड़ क्षेत्र जिसमें बगीचे, जंगल, मोर तथा प्रवासी पक्षियों का कोलाहल शामिल है को वडोदरा के (पूर्व शासक) गायकवाड से खरीदा गया था।
भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी -
भारत में रेलें, देश की परिवहन अवसंचरना का बहुत की महत्वपूर्ण घटक है जो लगभग 160 वर्ष पहले स्थापित हुई थी,बदलते समय के साथ कदम रखते हुए भारतीय रेलवे में लगभग 1.3 मिलियन कर्तव्यनिष्ठ एवं बहुत ही कुशल कार्मिक हैं, जिनमें सभी व्यावसायिक क्षेत्रों में उत्कृष्टता की अपार संभावना है ।
एक दक्ष परिवहन अवसंरचना देश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण परिसंपत्ति है कार्य, शिक्षण एवं आराम के लिए लोगों की गतिशीलता साथ ही संसाधनों का प्रभावी तथा किफायती वितरण एवं उत्पादन आधुनिक जीवन की आवश्यक अपेक्षाएं हैं ।
मानव संसाधन किसी भी संगठन का बहुत ही महत्वपूर्ण संसाधन है जिसकी दक्षता से सफलता निर्धारित होती है। इसलिए इस संसाधन का विकास भारतीय रेलों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है ।
भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी, इस वृहत् भारतीय रेल संगठन में अपना मूल्यांकन करने में रेल अधिकारियों के मित्र, दार्शनिक एवं मार्गदर्शक के रुप में कार्य करता है ताकि वे बदलते हुए वातावरण के साथ कदम रखते हुए इसमें सुधार लाने हेतु सकारात्मक भूमिका निभा सकें ।
भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी, वडोदरा सामान्यतः भारतीय रेल के सभी विभागों के अधिकारियों के लिए जिसमें विशेष रूप से लेखा, कार्मिक, भंडार, एवं चिकित्सा विभाग हैं, सर्वोच्च प्रशिक्षण संस्थान के रुप में कार्य करता है।